Saturday, 11 May 2013

एक दिल और सही

तेरी उन आखों को परख लिया होता
तो इन आँखों में आंसुओं का निशान न होता 













तुमसे क्या मिले जिंदगी को नए मायने मिल गये
तुम्हारा साथ क्या मिला किसिकी  कमी महसूस हि नहीं हुई
दर्द भरे सिने कि हर चोट का मरहम बन गये
तुम पास क्या थे जेसे मैं दुरियों का मतलब भूल हि गई

आज तुम साथ नहीं तो अकेलापन काटने दौड़ता है
अपनों में अपने आपको ये दिल कहीं खोझता है

किससे करें अपने दिल -ओ-दर्द  कि दास्ताँ बयान
हम इस ग़लतफहमी में रह गये तुम रहोगे सदा बाहों में मेरे
दुनिया कि परवाह नहीं की सपनों का बना लिया आशियाँ
आज भी उन्हीं टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में मेरे

P.S. : Verses defines the title, "one more heart is broken in this way" !

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