तुम ही हो |
♥तूझे अपने हाथों कि लकिरों में ना बसाया तो फिर केहना
आके तूझे तेरे ख़्वाबों में ना सताया तो फिर केहना
♥तेरी सोच में गुजर जाती है सारी रात जिंदगी भर
रातों को ना जगाया तो फिर केहना
♥ढूँढते फिरोगे तुम हर जगह हमको अपने इश्क में
तूझे पागल ना बनाया तो फिर केहना
♥तुम को औरों ने चाहा होगा
"मेरी जान तुम्हें अपने आपसे ज्यादा ना चाहा तो फिर केहना"
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